9वीं क्लास के छात्र ने बनाई एम्बुलेंस मोबाइल ऐप
सत्यखबर गुरुग्राम (गौतम वशिष्ठ) – “कौनं कहता है आसमान में छेद नही होता इक पथ्थर तो तबियत से उछालो यारो” जी हां साइबर सिटी के रहने वाले 9 वी क्लास के छात्र ने एम्बुलेंस सेवा की बढ़ती दिक्कतों के मद्देनज़र एक ऐसा एम्बुलेंस मोबाइल ऐप बना डाला, जो कि न केवल एम्बुलेंस सेवा को फोन करने या ऐप से बुक करने के बाद तुरंत उसी लोकेशन उंसके हादसे या जरूरत के स्थान पर पहुंचने की टाइमिंग भी नज़र रखने लगेगा।
दरअसल एक हादसे के टाइम एम्बुलेंस सेवा एक घंटे की देरी से पहुंचने पर उस समय 8 वी में पढ़ रहे छात्र के मन पर गहरा असर डाला। और उसने एम्बुलेंस मोबाइल ऐप पर गूगल पर यूट्यूब पर रिसर्च करना शुरू कर दिया। और बना डाली भारत की पहली एम्बुलेंस मोबाइल ऐप जो कि “ओला, उबेर की तर्ज़ पर बुक होते ही तय समय मे मरीजों तक और हादसों तक पहुंचना शुरू करने वाली है। अवि चोपडा ने इस मोबाइल ऐप को बनाने के लिए दुबई मॉडल के लिहाज से इस पर काम किया है।
वही अवि के पिता मनु चोपडा की माने तो उन्होंने इस एम्बुलेंस मोबाइल ऐप को इस्तेमाल करने के लिए सभी राज्यो को मेल भी किया और यह कैसे बेहतरीन तरीको से काम करेगा। इसके बारे में बताया भी लेकिन अभी तक सिर्फ यूपी सरकार ने इसमें कुछ बदलावों के बाद जुलाई से ही इसे इमरजेंसी सेवाओ में इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। हालांकि गुजरात, नार्थ ईस्ट के कुछ राज्य और महाराष्ट्र ने भी इस मोबाइल ऐप में रुचि दिखाई लेकिन फिलहाल यूपी सरकार ही इसे जुलाई में लॉन्च करने जा रही है। अवि चोपडा की यह एम्बुलेंस मोबाइल ऐप बिल्कुल फ्री दी जा रही है।
हलाँकि हरियाणा सरकार ने भी अवि चोपड़ा की इस एम्बुलेंस मोबाइल ऐप में शुरुवात में तो रुचि दिखाई लेकिन फिलहाल यह ठंडे बस्ते में है। लेकिन एक बार को सोच कर देखिए कि अगर एम्बुलेंस सेवा भी औला, उबेर की तर्ज पर महज कुछ ही मिनटों में घटना सथल पर पहुंचना शुरू कर दे तो कितनी कीमती जानो को बचाया जा सकेगा।